Antarvasna, desi kahani: कॉलेज का यह आखिरी दिन था और मैं इस बात से बहुत ज्यादा परेशान था कि मैं महिमा को अपने दिल की बात कह नहीं पाया था। महिमा और मैं साथ में पढ़ा करते थे और मैं कभी भी महिमा को अपने दिल की बात नहीं कह पाया था लेकिन अब हमारे कॉलेज का आखिरी दिन था और उस दिन भी मैं महिमा को कुछ कह ना सका। मुझे लगने लगा था कि शायद महिमा से मेरी मुलाकात कभी होगी भी नहीं और ना ही हम दोनों एक दूसरे से मिल पाएंगे। काफी समय तक तो ऐसा ही हुआ क्योंकि मेरा कॉलेज प्लेसमेंट हो जाने के बाद मैं नौकरी करने के लिए चला गया था और महिमा से मेरा कोई संपर्क नहीं था। मैं उसके बारे में जानने की कोशिश जरूर किया करता था लेकिन मेरे दोस्तों को भी महिमा के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था। काफी साल हो गए थे मैं महिमा को मिला नहीं था मैं अपनी नौकरी में पूरी तरीके से बिजी हो चुका था और मेरे पास अपने लिए भी कम ही समय हुआ करता था।
मैं अपने घर नासिक भी कम ही जाया करता था जब भी मैं नासिक जाता तो पापा और मम्मी बड़े ही खुश होते थे। एक बार मेरी बहन की शादी थी तो मैं उस वक्त अपने घर गया हुआ था मैं जब उस वक्त अपने घर गया तो मैंने अपने दोस्तों को भी शादी में इनवाइट कर लिया था। मैंने अपने दोस्तों को शादी में इनवाइट तो किया ही था और उस शादी में जब मुझे महिमा मिली तो मैं यह देखकर हैरान रह गया लेकिन महिमा की शादी हो चुकी थी। मुझे नहीं मालूम था कि मेरी बहन महिमा को भी पहचानती है मुझे यह बात मालूम ही नहीं थी लेकिन महिमा की शादी हो चुकी थी और शायद उसके बारे में सोचना भी गलत था इसलिए मैंने उसके बारे में सोचना ही बंद कर दिया था।
मैंने अपने दिमाग से महिमा के ख्याल को निकालने की कोशिश करने लगा था लेकिन शायद मेरी किस्मत में महिमा का आना दोबारा से लिखा था। एक दिन जब मैं अपने ऑफिस से लौट रहा था तो मैं महिमा को हमारी कॉलोनी में देख कर चौक गया। मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि महिमा से मेरी मुलाकात हो जाएगी और वह भी जिस कॉलोनी में मैं रहता हूं उसी कॉलोनी में वह भी रहने लगी थी। उस दिन महिमा ने मुझसे बात की और मुझसे पूछा कि क्या तुम भी यहीं रहते हो तो मैंने महिमा को कहा कि हां मैं भी यहीं रहता हूं।
मैंने महिमा से पूछा कि क्या तुम लोग यहां पर कुछ दिनों पहले ही रहने के लिए आए हो तो महिमा कहने लगी कि हां हम लोग यहां पर कुछ दिन पहले ही रहने के लिए आए हैं मेरे पति का ट्रांसफर कुछ समय पहले ही यहां पर हुआ है। मैं तो इस बात से पूरी तरीके से परेशान हो चुका था मैं तो महिमा से दूर जाने की कोशिश करने लगा था लेकिन महिमा की शादी हो चुकी थी इसलिए उसे भूल जाना ही बेहतर था परंतु फिर भी वह मुझे मिल ही जाती। मैं चाहता था कि मैं भी अब शादी कर लूं लेकिन मुझे अभी तक ऐसी कोई लड़की मिल नहीं पाई जिससे कि मैं अपने दिल की बात कह पाता या फिर मैं उसे समझ पाता।
हमारे ऑफिस में जॉब करने के लिए जब कोमल आई तो कोमल के साथ मेरी अच्छी बातचीत होने लगी थी और हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी अच्छी बातचीत किया करते थे। हम दोनों को जब भी मौका मिलता तो हम दोनों अपने ऑफिस की कैंटीन में साथ में समय बिताया करते थे हम दोनों अधिकतर साथ में ही लच किया करते थे और मुझे इस बात की बड़ी खुशी भी थी कि मैं कोमल के साथ में समय बिताया करता हूं। कोमल के मेरे जीवन में आने से कहीं ना कहीं मैं महिमा को भुलाने की कोशिश करने लगा था।
कोमल मेरी जिंदगी में आ चुकी थी मैं बहुत खुश था कि कोमल और मैं एक दूसरे के साथ में है और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही अच्छे से दिया करते। हम एक दूसरे को डेट भी करने लगे थे मैं कोमल के साथ रिलेशन में बहुत ही खुश हूं। जब भी हम दोनों साथ में होते तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता और हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश हो जाया करते। जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में होते हैं और एक दूसरे के साथ समय बिताया करते हैं उससे हम दोनों के बीच और भी प्यार बढ़ता जा रहा था।
मैं और कोमल एक दिन साथ में बैठे हुए थे उस दिन मैंने कोमल को महिमा के बारे में बता दिया, मैंने कोमल को जब महिमा के बारे में बताया तो कोमल ने मुझे कहा कि मुझे इस बात से कोई प्रॉब्लम नहीं है। कोमल चाहती थी कि हम दोनों इंगेजमेंट कर ले मैंने कोमल से कहा कि उसके लिए तो मुझे समय चाहिए होगा क्योंकि मुझे अपनी फैमिली से इस बारे में बात करनी होगी। कोमल ने कहा की तुम अपनी फैमिली से इस बारे में बात कर लो। मैंने भी अपनी फैमिली से इस बारे में बात की और कोमल को उन लोगों से मिलवाया तो उन लोगों को कोमल स3 कोई एतराज नहीं था। हम दोनों ने सगाई करने का फैसला कर लिया था और फिर हम दोनों की सगाई हो गई थी।
कोमल के परिवार वाले हम दोनों की सगाई से बहुत ही ज्यादा खुश थे और उन्हें हम दोनों की सगाई से कोई एतराज नहीं था। अब हम दोनों एक दूसरे के साथ में ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते। हम लोग जब भी साथ में होते तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता था। मेरे और कोमल के बीच में सेक्स भी हो चुका था।
हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करके बडे खुश रहते। हमारी सगाई हो चुकी है उसके बाद कोमल और मेरे बीच कई बार शारीरिक संबंध बने। एक दिन महिमा मुझसे मिलने के लिए मेरे फ्लैट में आ गई। जब वह मुझसे मिलने के लिए आई तो उस दिन वह बड़ी परेशान नजर आ रही थी। मैंने कभी सोचा भी नहीं था वह मेरे कंधे पर अपने सर को रख देगी। जब उसने ऐसा किया तो मैंने भी उसके होठों को चूम लिया था उसके होठों पर चूम कर मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था जिस तरीके से मैंने और महिमा ने एक दूसरे के साथ में किस किया। महिमा ने मुझे बताया उसके पति से उसका झगड़ा हो गया था इसलिए वह बहुत ही ज्यादा दुखी थी।
मैंने अब महिमा के होंठों को चूमना शुरू कर दिया था मैं उसके होठों को चूम रहा था वह गर्म होती जा रही थी और मेरी गर्मी भी बढ़ती जा रही थी। मैंने कभी सोचा भी नहीं था महिमा के साथ में मैं शारीरिक संबंध बना लूंगा। जब उस दिन मैने महिमा के बदन को पूरी तरीके से गर्म कर दिया था तो महिमा बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। वह मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है मैं और महिमा एक दूसरे के साथ में काफी ज्यादा गर्म होने लगे थे।
अब हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैंने अपने लंड को महिमा के सामने किया। वह मेरे लंड को देखकर अपने मुंह में लेने लगी मुझे मजा आने लगा था और महिमा को भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को अपने मुंह में ले रही थी। उसने मेरे लंड को बहुत देर तक अपने मुंह में ले लिया और मेरी गर्मी को वह पूरी तरीके से बढा चुकी थी। मेरी गर्मी को उसने इतना ज्यादा बढ़ा दिया था हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। हम दोनों की गर्मी काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी अब हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थे। हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैंने महिमा के स्तनों का रसपान करना शुरू कर दिया और उसके स्तनों को चूसकर मुझे मजा आने लगा था और महिमा को भी मजा आ रहा था।
वह मेरा साथ दे रही थी हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होने लगे थे। मैंने महिमा से कहा मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढने लगी है। अब हम दोनों इतने ज्यादा गरम हो चुके थे हम दोनो बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैंने महिमा की चूत को चाटना शुरू किया। वह मुझे कहने लगी मेरी चूत पूरी तरीके से गर्म होने लगी है उसकी योनि से पानी बाहर के निकलने लगा था वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। मैंने उसकी चूत के अंदर लंड को घुसा दिया। जब मैं उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डालने लगा तो वह चिल्लाने लगी। मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था जिस तरीके से मैं और महिमा एक दूसरे के साथ में मजे ले रहे थे हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म होते जा रहे थे।
अब मेरी गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी मैंने उसके दोनों पैरों को चौडा कर लिया और चौड़ा करने के बाद जब मैं उसे धक्के मारने लगा तो मुझे मजा आने लगा था। मै महिमा को बड़े अच्छे से चोद रहा था वह बहुत जोर से सिसकारियां लेकर मुझे गर्म करने की कोशिश करती और कहती मुझे बस ऐसे ही धक्के मारते रहो। मैंने उसे बहुत देर तक धक्के मारे। जब मेरा वीर्य मेरे लंड तक आ चुका था मैं समझ चुका था मैं ज्यादा देर तक रह नहीं पाऊंगा। मैंने अपने माल को उसकी चूत में गिरा दिया था। जैसे ही उसकी चूत में मेरा वीर्य गिरा तो वह खुश हो गई। महिमा बहुत ज्यादा खुश हो चुकी थी मैं भी काफी खुश था जो सपना मै कभी देखा करता था वह पूरा हो चुका है।
मेरे दोनों हाथों में लड्डू है क्योंकि एक तरफ तो कोमल थी और दूसरी तरफ महिमा मैं महिमा की इच्छा को पूरा कर दिया करता था। अब कोमल से मेरी शादी होने वाली थी। जब कोमल से मेरी शादी हो गई तो उसके बाद हम दोनों साथ में सेक्स का जमकर मजा लिया करते। जब भी कोमल कहीं बाहर जाती तो मैं महिमा को अपने पास बुला लिया करता और महिमा के साथ में सेक्स के मजे लिया करता था।