Antarvasna, kamukta: एक बार मैं अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में मैं चेन्नई गया था चेन्नई मुझे कुछ दिनों तक रुकना था। चेन्नई में मैं जिस होटल में रुका हुआ था वहीं से मुझे अपने काम के सिलसिले में जाना था वहां की दूरी ज्यादा नहीं थी इसलिए मैं पैदल पैदल ही वहां से चला गया। दो दिन बाद मैं चेन्नई से वापस कानपुर लौट आया जब मैं कानपुर वापस लौट रहा था तो मुझे उस वक्त रीता मिली, रीता मेरे दोस्त की बहन है। जब रीता मुझे मिली तो मैंने रीता से पूछा कि तुम चेन्नई में क्या कर रही हो तो उसने मुझे बताया कि वह चेन्नई में ही अपनी कॉलेज की पढ़ाई कर रही है। मैंने रीता से बात की और मुझे रीता से बात कर के काफी अच्छा लगा मैं रीता से बात कर के काफी खुश भी था और वह भी बहुत ज्यादा खुश थी। मेरी और रीता की बातें काफी देर तक हुई और मैंने रीता का नंबर भी ले लिया था। मैं कानपुर पहुंच चुका था और रीता चेन्नई में ही थी हम लोगों की फोन पर एक दूसरे से मैसेज या फिर फेसबुक चैट के माध्यम से बात होती रहती थी। मैं अपने ऑफिस के काम में ज्यादा बिजी रहता था इसलिए मैं रीता से ज्यादा बात नहीं कर पाता था लेकिन एक दिन रीता ने मुझे फोन किया और उसने मुझे बताया कि वह कानपुर आई हुई है तो मैंने रीता को कहा की मैं तुमसे मिलने के लिए आता हूं।
मैं उस दिन रीता को मिलने के लिए चला गया जब मैं रीता को मिलने के लिए गया तो मुझे रीता से मिलकर काफी अच्छा लगा और हम दोनों ने एक दूसरे के साथ काफी टाइम स्पेंड किया। हम दोनों एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड कर के बहुत खुश थे। मैंने रीता से कहा की चलो यह तो बड़ी अच्छी बात है कि तुमने मुझे फोन किया और हम दोनों का कम से कम इस बहाने मिलना तो हुआ। लेकिन मुझे नहीं पता था कि रीता के दिल में क्या चल रहा है वह मुझे दिल ही दिल चाहने लगी थी और यह बात मुझे तब पता चली जब मैंने एक दिन रीता से फोन पर बात की और हम दोनों ने फोन पर उस दिन बहुत देर तक बात की। हम दोनों ने उस दिन फोन पर करीब आधे घंटे से ऊपर बात की और रीता ने मुझसे अपने दिल की बात कही तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा और मैं बहुत ही खुश था। मेरी रीता से फोन पर बातें अक्सर हो जाती थी जब भी हम दोनों की फोन पर बातें होती तो हम दोनों को ही अच्छा लगता और मैं रीता के साथ फोन पर घंटों बातें किया करता।
रीता चेन्नई में थी और मैं कानपुर में था इसलिए हम दोनों का मिलना नहीं हो पाता था लेकिन जब भी रीता कानपुर आती तो वह मुझसे हमेशा ही मिला करती थी। रीता का भाई ललित मेरे साथ कॉलेज में ही पढ़ा करता था मेरे और रीता के बीच के रिलेशन के बारे में ललित को पता नहीं थी और ना ही रीता ने उसे इस बारे में कुछ बताया था। मैंने रीता को साफ तौर पर मना कर दिया था कि तुम यह बात किसी को भी मत बताना तो रीता ने यह बात किसी को भी नहीं बताई थी। मैंने रीता से कहा कि तुम इस बारे में किसी को ना ही बताओ तो ज्यादा ठीक रहेगा। हम दोनों का रिलेशन तो अच्छे से चल ही रहा था और हम दोनों फोन पर एक दूसरे से घंटों बातें किया करते। मुझे रीता से बात करना बहुत ही अच्छा लगता है जब भी मैं रीता के साथ टाइम स्पेंड करता तो मैं काफी खुश हो जाता हूँ और रीता भी बहुत खुश हो जाती थी जब वह मेरे साथ टाइम स्पेंड किया करती। रीता का कॉलेज पूरा हो चुका था और वह एक बड़ी कंपनी में जॉब करने लगी थी। मुझे लगने लगा कि हम लोगों को मिलना चाहिए क्योंकि मुझे रीता से मिले हुए काफी समय हो चुका था मैंने रीता को फोन किया तो रीता ने मुझे बताया कि वह फिलहाल तो घर नहीं आ रही है क्योंकि उसने अभी कुछ दिन पहले ही ऑफिस ज्वाइन किया था इसलिए उसका घर आना संभव नहीं था। मैंने रीता से कहा कोई बात नहीं मैं तुमसे मिलने के लिए चेन्नई आ जाऊंगा रीता कहने लगी कि अगर तुम चेन्नई आ जाओ तो यह ज्यादा अच्छा रहेगा। मैं रीता को मिलने के लिए चेन्नई जाने के बारे में सोचने लगा था लेकिन उस वक्त ऑफिस के बहुत ही ज्यादा काम था इसलिए मैं चेन्नई जा ना सका। मैं चेन्नई जा नहीं पाया था क्योंकि ऑफिस का काम कुछ ज्यादा ही था। रीता ने मुझसे उस दिन फोन पर पूछा कि क्या तुम चेन्नई नहीं आ रहे हो तो मैंने रीता को बताया कि नहीं अभी तो मेरा चेन्नई आना मुश्किल हो पाएगा लेकिन मैं थोड़े टाइम बाद फ्री हो जाऊंगा तो मैं चेन्नई जरूर आऊंगा।
रीता कहने लगी ठीक है तुम जब चेन्नई आओगे तो मुझे फोन कर देना मैंने रीता से कहा ठीक है मैं तुम्हें इस बारे में जरूर बता दूंगा। मैं और रीता एक दूसरे से फोन पर बात करते रहते थे और अब रीता के भाई ललित की सगाई होने वाली थी और जब रीता ने मुझे यह बात बताई तो मैंने रीता से कहा कि अब तो तुम घर आओगी। रीता कहने लगी कि हां मुझे कुछ दिनों के लिए घर आना ही पड़ेगा और रीता कुछ दिनों के लिए घर आ गई। जब वह घर आई तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और मैं बहुत ही ज्यादा खुश भी था रीता और मैं मिलते रहते थे। ललित की सगाई में मैं भी गया था जब मैं ललित की सगाई में गया तो उस वक्त मैं सोच रहा था कि मुझे ललित को इस बारे में सब कुछ बता देना चाहिए लेकिन फिर मैंने ललित को इस बारे में कुछ भी नहीं कहा। रीता और मेरा रिलेशन तो चल ही रहा था और रीता कुछ दिनों के लिए घर पर ही रुकने वाली थी तो मैं इस बात से बहुत ज्यादा खुश था। मैंने एक शाम रीता को अपने घर पर फोन करके बुला लिया। वह घर पर आ गई जब रीता घर पर आई तो हम दोनों पहली बार एक दूसरे को किस कर रहे थे।
रीता को मैंने बेड पर लेटा दिया। जब रीता बिस्तर पर लेट चुकी थी तो मैं उसके गुलाबी होठों को चूसने लगा। मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जब मैं उसके होठों को किस कर रहा था और उसकी गर्मी को मैं बढ़ाता जा रहा था। रीता भी अब पूरी तरीके से गर्म होती जा रही थी वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुमने पूरी तरीके से बढ़ा दिया है। मैंने रीता को कहा तुमने भी तो मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा कर रख दिया है। उसने मेरे मोटे लंड को अपने हाथों में लेकर उसे हिलाना शुरू किया। जब आकांशा ने मेरे मोटे लंड को अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा और रीता को भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। अब हम दोनों ही पूरी तरीके से गर्म होने लगे थे। मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था मेरी गर्मी अब इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। मैंने रीता को कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा। रीता ने अपने पैरों को खोलकर मुझे कहा तुम मेरी योनि के अंदर लंड घुसा दो। मैंने रीता को कहा ठीक है मैं तुम्हारी चूत मे लंड डाल देता हूं। मैंने रीता की योनि के अंदर अपने मोटे लंड घुसाया। उसकी योनि के अंदर लंड जाते ही उसकी चूत से खून की पिचकारी बाहर की तरफ निकल आई। मेरा लंड उसकी योनि के अंदर तक जा चुका था। मैंने रीता के दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया था। मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया। मैंने उसकी योनि के अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू किया मुझे मजा आने लगा। मै उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था तो मेरे अंदर की गर्मी बढ़ रही थी और मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था।
मैंने रीता के दोनों पैरों को चौडा कर लिया था उसके दोनों पैरों को चौड़ा करने के बाद मैंने उसकी योनि के अंदर बाहर अब अपने मोटे लंड को और भी तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए। वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है तुम ऐसे ही बस मुझे धक्के मारते रहो हालांकि रीता की चूत से बहुत ज्यादा खून बाहर की तरफ निकल रहा था लेकिन उसके बावजूद भी वह मेरे साथ बड़े अच्छे तरीके से दे रही थी। उसे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था जब वह मेरे साथ सेक्स का जमकर मजा ले रही थी। मैंने रीता से कहा तुम घोड़ी बन जाओ। रीता की चूतडे मेरी तरफ थी। मैंने उसकी चूत को कुछ देर से चाटने के बाद अपने लंड को धीरे–धीरे से रीता की योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया। मेरा लंड उसकी योनि के अंदर जा चुका थ। अब वह बड़ी जोर से चिल्ला रही थी उसकी सिसकारियां मेरे कानों में जा रही थी और मेरे अंदर की उत्तेजना को वह पूरी तरीके से बढ़ाती जा रही थी।
मैंने उसको कहा मुझे अच्छा लग रहा है वह मुझे कहने लगी मजा तो मुझे भी बहुत ज्यादा आ रहा है और ऐसा लग रहा है जैसे कि तुम मुझे बस धक्के देते जाओ। मैंने रीता को कहा मुझे तुम्हारी चूत के अंदर बाहर लंड को करने मे मजा आ रहा है। रीता की चूतडो का रंग लाल होने लगा था। उसकी चूतडे बहुत ज्यादा लाल हो चुकी थी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। मैंने उसे काफी देर तक चोदा। जब मुझे एहसास होने लगा मैं रह नहीं पाऊंगा। रीता मुझे कहने लगी तुम अपने माल को मेरी चूत मे गिरा दो। मैंने रीता की चूत के अंदर अपने माल को गिराया और उसकी इच्छा को पूरा कर दिया था। वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी। मैने उसकी चूत की खुजली को पूरी तरीके से मिटा दिया था। उसके बाद रीता और मैं हर रोज एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लिया करते हैं। रीता बहुत ही ज्यादा खुश रहती जब मैं उसे चोदा करता।