Antarvasna, hindi sex stories: सुबह के 7:00 बज रहे थे और मैं जब उठा तो मैंने देखा कि पापा घर पर नहीं थे मैंने मां से पूछा कि मां आज पापा सुबह ही कहीं चले गए हैं तो मां ने मुझे बताया कि उन्हें अपने एक दोस्त के घर सुबह जाना था इसलिए वह वहां चले गए। मैं उस दिन घर पर ही था और मैं मां के साथ बैठा हुआ बातें कर रहा था मां ने मुझे कहा कि रमेश बेटा मैं तुम्हारे लिए चाय बना कर ले आती हूं। मैंने मां से कहा कि नहीं मां रहने दीजिए लेकिन मां मेरे लिए चाय बना कर ले आई और उसके बाद मैं और मां एक दूसरे से बातें कर रहे थे। थोड़ी देर मैंने मां से बातें की उसके बाद मां नाश्ता बनाने के लिए चली गई। मैं अखबार पढ़ रहा था जब मैं अखबार पढ़ रहा था तो उस वक्त मुझे मेरी दीदी का फोन आया और दीदी ने मुझे कहा कि क्या तुम आज घर पर ही हो।
मैंने दीदी से कहा कि हां मैं आज घर पर ही हूं दीदी ने मुझे बताया कि वह भी हम लोगों से मिलने के लिए आ रही है। मैंने यह बात मां को बताई तो मां ने मुझे कहा कि चलो आज तो अच्छा है कि तुम भी घर पर हो और सरिता भी हम लोगों से मिलने के लिए आ रही है। मैं भी अब थोड़ी देर अखबार पढ़ने के बाद नहाने के लिए चला गया और नहाकर मैं जब निकला तो मां ने मेरे लिए नाश्ता बना दिया था। मां ने मुझे कहा कि बेटा तुम नाश्ता कर लो मैंने मां से कहा कि ठीक है मां मैं नाश्ता कर लेता हूं। मैंने नाश्ता किया और नाश्ता करने के बाद मैं अपने रूम में बैठा हुआ था मुझे करीब एक घंटा हो चुका था तभी घर की डोर बेल बजी और मैंने जब दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि दीदी दरवाजे पर खड़ी थी और दीदी मुझे कहने लगी कि आज तो यह अच्छा रहा कि तुम से मेरी मुलाकात हो गई।
मैंने दीदी को कहा कि आप अंदर आ जाइए और फिर दीदी अंदर आ गई थी और वह सोफे पर बैठी हुई थी। हम सब लोग आपस में बात कर रहे थे दीदी ने भी पापा के बारे में पूछा तो हमने बताया कि वह आज अपने दोस्त के घर गए हुए हैं। हम लोगों को बातें करते हुए काफी समय हो चुका था उसके बाद मैंने कहा कि हम लोग लंच कर लेते हैं। मां रसोई में चली गई और वहां पर वह लोग खाना बनाने की तैयारी करने लगे थे। जब उन लोगों ने खाना बनाया तो उसके बाद मैंने मां से कहा मां मैं अभी थोड़ी देर में आता हूं। मां मुझे कहने लगी लेकिन तुम कहां जा रहे हो। मैंने मां से कहा मां मैं आकाश के घर जा रहा हूं। आकाश मेरे पड़ोस में ही रहता है उसे मुझसे कुछ जरूरी काम था इसलिए उसने मुझे अपने घर पर बुलाया था और मैं आकाश को मिलने के लिए चला गया था। आकाश मेरा बहुत ही अच्छा दोस्त है और जब मैं आकाश को मिलने के लिए उसके घर पर गया तो आकाश के साथ में कुछ देर बैठा रहा।
आकाश ने मुझे बताया उसके पापा की तबीयत ठीक नहीं है और डॉक्टर ने उनके इलाज के लिए कहा है। आकाश के पास इतने पैसे नहीं थे इसलिए उसने मुझे मदद करने के लिए कहा। मैंने भी आकाश की मदद करने का फैसला कर लिया था। मैं आकाश के साथ कुछ देर बैठा रहा और फिर मैंने आकाश से कहा अभी मैं चलता हूं। मैं घर लौट आया था उसके बाद हम सब लोगों ने लांच किया तो मां ने मुझसे इस बारे में पूछा कि आखिर तुम आकाश से मिलने के लिए क्यों गए थे? मैंने मां को बताया आकाश के पापा की तबीयत ठीक नहीं है और डॉक्टर ने उनके इलाज करने की बात कही है शायद हो सकता है उनका ऑपरेशन भी हो इस वजह से मैं आकाश से मिलने के लिए गया था। मां ने उसके बाद मुझसे जब इस बारे में पूछा तो मैंने मां को कहा आप भी आकश के घर चले जाइएगा। मां ने कहा हां बेटा मैं आकाश के घर चली जाऊंगी आकाश हमारे पड़ोस में ही रहता है वह अक्सर मुझसे मिलने के लिए घर पर आता ही रहता है इसलिए मां ने मुझे कहा कि मैं आकाश को मिलने के लिए चली जाऊंगी।
अब हम लोग लंच कर चुके थे लंच करने के बाद मैं दीदी के साथ बातें कर रहा था और हमें पता ही नहीं चला कि कब शाम हो गई। पापा अभी तक लौटे नहीं थे मैंने पापा को फोन किया और पापा से पूछा आप कब तक घर वापस आ रहे हैं। पापा ने बताया बस थोड़ी देर बाद ही घर आ रहा हूं। थोड़ी देर में पापा भी घर आ चुके थे और दीदी ने पापा से मुलाकात की उसके बाद दीदी ने मुझसे कहा तुम मुझे घर तक छोड़ दो। मुझे उस दिन दीदी को उनके घर तक छोड़ने के लिए जाना पड़ा और फिर मैं वापस लौट आया था। जब मैं वापस लौटा तो उस दिन मुझे वहां से वापस लौटने में काफी देर हो गई थी। मैंने उस दिन डिनर किया फिर मैं अपने रूम में चला गया लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी काफी दिनों से मैंने माधुरी से बात नहीं की थी तो सोचा क्यों ना मैं माधुरी से फोन पर बात करूं। मैंने माधुरी से फोन पर बात करने का फैसला कर लिया था। मैंने जब माधुरी को फोन किया तो मेरी और माधुरी की फोन पर काफी देर तक बातें हुई।
माधुरी को मैं पिछले एक वर्षों से जानता हूं। मेरी माधुरी से मुलाकात आकाश ने ही करवाई थी लेकिन हम दोनों कहीं ना कहीं एक दूसरे को दिल ही दिल चाहते भी लगे थे। अभी तक हम दोनों अपने दिल की बात किसी को कह नहीं पाए थे। मुझे काफी अच्छा लगा जब उस दिन मेरी बात माधुरी से हुई और मैंने उस दिन माधुरी से कहा हम लोगों को मिलना चाहिए। माधुरी ने कहा ठीक है मैं तुम्हें कुछ दिनों के बाद मिलता हूं और कुछ दिनों के बाद हम लोगों ने अब मिलने का फैसला कर लिया था। मैं और माधुरी एक दूसरे के साथ काफी खुश है और जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ होते हैं उससे हमें काफी अच्छा लगता है। मैंने माधुरी से कुछ दिनों बाद मिलने का फैसला किया तो मुझे काफी अच्छा लगा। जिस तरीके से मैं और माधुरी एक दूसरे के साथ थे उस से हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया। मेरी मुलाकात माधुरी से हो ही जाती थी जब भी मैं माधुरी को मिलता तो मुझे काफी अच्छा लगता। अब मुझे लगने लगा था मुझे उससे अपने दिल की बात कह देनी चाहिए।
मैंने माधुरी से जब अपने दिल की बात कही तो मुझे काफी अच्छा लगा और माधुरी भी बहुत ज्यादा खुश थी जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ थे और हम दोनों कि जिंदगी अच्छे से चल रही है। माधुरी और मेरा प्यार दिन ब दिन बढता जा रहा था। जब हम दोनो एक दूसरे के साथ होते तो हमे अच्छा लगता था। एक दिन माधुरी मुझसे मिलने घर पर आई हुई थी। उस दिन हम दोनो साथ मे थे। जब मैंने उस दिन उसकी जांघ पर हाथ रखा तो वह मचल रही थी और मैं भी मचल रहा था। मैंने माधुरी के रसीले होंठो को बहुत देर तक चूमा और हम दोनो बहुत ही खुश थे जिस तरह से हम दोनो ने एक दूसरे की गर्मी को बढा दिया था। मैंने माधुरी के कपडो को खोला और उसकी चूत पर जब अपने लंड को लगाया तो उसे मजा आने लगा और वह तडपने लगी थी। हम दोनो गरम हो चुके थे। मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया था और मुझे बढा अच्छा लगा था जब मैंने उसकी चूत मे लंड को घुसा दिया था।
मैंने देखा माधुरी की चूत से खून निकल रहा है। अब मैं उसे तेजी से चोद रहा था और वह भी मेरा साथ दे रही थी। हम दोनो एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा ले रहे थे। मैंने माधुरी की चूत के अंदर तक अपने लंड को डाला हुआ था। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था और मुझे बढा मजा आ रहा था। मैंने देखा उसकी चूत से अब पानी भी निकल चुका था और मैंने उसे और भी तेजी से चोदना शुरू कर दिया था। जब माधुरी की चूत की चिकनाई बढने लगी थी तो मेरा लंड बडी आसानी से उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था। अब हम दोनो ही एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश थे। जब मैंने उसकी चूत के अंदर अपने माल को गिराया तो मुझे मजा आ गया था। और मैंने उसकी चूत से अपने लंड को निकाला। माधुरी की चूत से खून निकल रहा था। मै उसे दोबारा से चोदने को तैयार था जब मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को गिराया तो उसे मजा आ रहा था। अब हम दोनो ही साथ मे सेक्स का खुलकर मजा ले रहे थे। मैंने माधुरी की चूत के अंदर तक लंड को घुसा दिया था और मैं उसे बहुत ही अच्छे से चोदे जा रहा था। जब मैंने उसे चोदा तो वह भी खुश थी और मै भी खुश था लेकिन उसकी चूत से बहुत अधिक पानी निकल रहा था जो मुझे गरम कर रही थी और मैंने भी उसे तेजी से चोदा। जब मैंने उसकी चूत मे माल गिराया तो वह खुश थी।