Antarvasna, hindi sex story: हमारे पड़ोस में गीतिका रहती थी लेकिन उसकी शादी हो गई मैं उससे बहुत प्यार करता था मैं उसे हमेशा ही देखा करता था उसे देख कर मैं खुश हो जाया करता था लेकिन मैं कभी भी गीतिका से अपने दिल की बात कह ना सका और देखते ही देखते उसकी शादी हो गई। उसकी शादी हो जाने के कुछ समय बाद ही उसके पति से उसकी अनबन होने लगी और उसने अपने पति को डिवोर्स देने का फैसला कर लिया उसके बाद वह अपने घर पर ही रहने लगी। एक दिन मैं अपनी कार से जा रहा था तो गीतिका की कार रास्ते में खराब हो गयी थी मैंने गीतिका को देखते हुए अपनी कार रोक ली और उसने मुझे कहा कि क्या आप मेरी मदद कर देंगे। मैंने उसे कहा कि आपको कहीं ड्रॉप करना है क्या वह मुझे कहने लगी कि आप मुझे मेरे स्कूल तक ड्रॉप कर दीजिए। गीतिका एक स्कूल में पढ़ाने लगी थी और फिर मैंने उसे उसके स्कूल तक ड्रॉप कर दिया उसके बाद धीरे धीरे हम लोगों की बातें होने लगी।
हम दोनों एक दूसरे के पड़ोस में रहते थे लेकिन उसके बावजूद भी हम लोगों के बीच बातें नहीं होती थी और हम दोनों एक दूसरे से बहुत कम बातें किया करते थे परंतु उस दिन के बाद गीतिका मुझसे बात करने लगी थी। एक दिन मैं एक रेस्टोरेंट में बैठकर अपने दोस्त का इंतजार कर रहा था लेकिन वह अभी तक आया नहीं था मुझे काफी देर हो रही थी मैंने सोचा की क्या मुझे घर चलना चाहिए पर मैंने फिर एक कॉफी का ऑर्डर कर दिया। कॉफी का ऑर्डर करने के बाद मैं कॉफी पी रहा था तभी गीतिका भी मुझे उस रेस्टोरेंट में दिख गयी वह मुझे देखते ही मेरे पास आकर बैठी और मुझसे कहने लगी कि यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक है कि मैं जहां जाती हूं वहां आप मुझे मिल जाते हैं। मैंने गीतिका से कहा मैं अपने किसी दोस्त को मिलने के लिए आया था लेकिन वह अभी तक आया नहीं है वह शायद ट्रैफिक में फंस चुका है इस वजह से उसे आने में देर हो गई मैं तो घर जाने ही वाला था लेकिन आप आ गई।
मैंने गीतिका से पूछा कि क्या आप कुछ लेंगी तो गीतिका ने भी कहा कि मैं कोल्ड कॉफी लूंगी गीतिका को कोल्ड कॉफी बड़ी पसंद थी और उसके बाद मैंने कोल्ड कॉफी का ऑर्डर दे दिया थोड़ी देर बाद कोल्ड कॉफी आ गई। हम दोनों एक दूसरे से बात करने लगे मैं गीतिका को पहली बार ही इतने नजदीक से जान पाया था जब उससे मेरी बात हुई तो हम दोनों एक दूसरे के काफी नजदीक आने लगे थे। गीतिका ने मुझे अपने बारे में बताया उसने मुझे अपने पति के बारे में बताया तो मैं यह सुनकर थोड़ा दुखी जरूर हुआ उसने मुझे बताया कि उसके पति का अफेयर पहले से ही किसी महिला के साथ था इस वजह से उन दोनों के रिश्ते के बीच में दरार पैदा हो गई और वह दोनों अलग हो गए। मैंने गीतिका से कहा लेकिन तुम्हारी शादी टूट जाने के बाद तुमने अपने आपको बहुत अच्छे से संभाला है गीतिका मुझे कहने लगी कि संजीव तुम्हें तो पता ही है कि हमारी सोसाइटी में महिलाओं को कोई जल्दी से स्वीकार नहीं करता लेकिन उसके बावजूद भी मैंने हिम्मत नहीं हारी। गीतिका के साथ पहली बार ही मैं इतनी देर तक बैठा था और उसके बाद मैंने उसे कहा कि तुम यहां पर क्यों आई थी तो वह मुझे कहने लगी कि मैं तो ऐसे ही बस टाइम पास के लिए यहां आ गई थी। मैंने गीतिका से कहा लेकिन अभी तुम कहां जाने वाली हो तो वह मुझे कहने लगी कि मैं अभी घर जा रही हूं मैंने गीतिका से कहा कि क्या तुम अपनी कार लेकर आई हुई हो तो वह कहने लगी नहीं मैंने अपनी कार को सर्विसिंग के लिए दिया हुआ है। उस दिन गीतिका मेरे साथ ही घर तक आई जब गीतिका मेरे साथ घर तक आई तो उस दिन मेरी मां ने मुझे गीतिका के साथ देख लिया और मेरी मां बहुत ज्यादा गुस्सा हुई वह मुझे कहने लगी कि बेटा तुम उस गीतिका से दूर रहा करो। मैंने अपनी मां को समझाया और कहा मां इसमें क्या बुराई है तो मां ने मुझे कहा देखो संजीव बेटा गीतिका के बारे में ना जाने लोग आस पड़ोस में क्या कुछ कहते हैं और तुम्हें तो पता ही है कि उसका डिवोर्स भी हो चुका है उसके बाद से तो सब लोगों ने उसके बारे में ना जाने क्या कुछ कहना शुरू कर दिया है मैं नहीं चाहती हूं कि तुम्हें भी लोग कुछ कहे इसलिए तुम उससे दूर ही रहा करो।
मैंने मां से कहा ठीक है मां मैं गीतिका से दूर ही रहूंगा, मैं उससे दूरी बनाने की कोशिश करने लगा था लेकिन मुझे क्या पता था कि जहां भी मैं जाता हूं वहां पर मैं गीतिका से मिल ही जाया करता यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक था कि हम लोगों की मुलाकात ना चाहते हुए भी हो जाती थी और मुझे गीतिका से बात करनी पड़ती थी। एक दिन गीतिका मुझे मिली और उस दिन वह बहुत उदास दिखाई दे रही थी मैंने उस दिन गीतिका से बात की और उसे कहा कि आज तुम काफी उदास दिखाई दे रही हो। उसने मुझे कहा कि आज उसका उसकी मम्मी के साथ झगड़ा हुआ था इस वजह से वह काफी अकेला महसूस कर रही है। मैंने गीतिका को कहा लेकिन तुम्हारा तुम्हारी मम्मी के साथ किस वजह से झगड़ा हुआ है उसने मुझे बताया कि उसकी शादी टूट जाने के बाद उसकी मम्मी उसे कहती हैं कि तुम दूसरी शादी कर लो लेकिन गीतिका ने यह कहा कि वह दूसरी शादी नहीं करना चाहती है।
मैंने गीतिका को कहा गीतिका यदि तुम दूसरी शादी नहीं करना चाहती हो तो तुम्हारी मम्मी को यह बात समझ लेनी चाहिए। वह मुझे कहने लगी कि संजीव तुम्हें तो पता ही है कि मेरे मम्मी और पापा दोनों को इस बात की चिंता होती है कि मेरी शादी टूट चुकी है इस वजह से वह लोग काफी परेशान भी हैं और मैं भी काफी परेशान हूं लेकिन फिलहाल तो मेरी शादी करने की कोई भी इच्छा नहीं है और मैं इन सब चीजों के बारे में सोचना भी नहीं चाहती हूं। मैंने गीतिका से कहा तुम इस बारे में भूल कर अब आगे बढ़ने की कोशिश करो और तुम अपने ऊपर ध्यान दिया करो गीतिका मुझे कहने लगी हां संजीव तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो। हम दोनों एक दूसरे से मिलते ही रहते थे हम दोनों के मिलने की वजह से हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब आने लगे थे। मुझे भी ऐसा लगने लगा था कि गीतिका से मैं प्यार करने लगा हूं मुझे नहीं पता था कि मैं उससे प्यार करता हूं या कुछ और है लेकिन गीतिका मुझे बहुत पसंद थी। मैं उसके साथ जब भी समय बिताता तो मुझे बहुत अच्छा लगता। एक दिन गीतिका ने मुझे कहा संजीव मैं तुम्हारे साथ कुछ अकेले मे समय बिताना चाहती हूं। हम लोग साथ में बैठे हुए थे और आपस में बात कर रहे थे। मैंने जब गीतिका की जांघ पर हाथ रखा तो वह भी मेरे बाहों में आ गई और मेरे होठों को चूमने की कोशिश करने लगी। मैंने उसके होठों से अपने होठों को टकराना शुरू किया हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे। हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे थे जिस वजह से हम दोनों ही गरम हो गए थे। मुझे नहीं मालूम था कि मेरी गर्मी इतनी बढ़ जाएगी कि गीतिका और मेरे बीच मे सेक्स संबंध बन जाएगे। मैंने गीतिका को अपनी कार में बैठाया जब हम दोनों कार मे थे तो मै दीपिका के होठों को चूसने लगा। मैं उसके होठों को बड़े अच्छे से चूस रहा था जब मैंने उसके स्तनों को बाहर निकाल कर उसके स्तनों का रसपान करना शुरू किया तो वह इतनी ज्यादा गरम हो गई कि वह अपने आपको बिल्कुल भी ना रोक सकी। मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लिया। वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी जिस वजह से उसे बहुत ही मजा आ रहा था।
मैं भी बहुत ज्यादा खुश था मैंने उसके स्तनों का रसपान बहुत देर तक किया। वह अपने आपको रोक नहीं पा रही थी और मुझे कहने लगी संजीव तुम मुझे कही ले चलो। मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुम्हें अभी कहीं ले चलता हूं मैं उसे एक होटल में ले आया वहां पर जब हम दोनों एक दूसरे की बाहों मे थे तो हम दोनों ही अपनी गर्मी को रोक नहीं पा रहे थे। जिस वजह से मैंने गीतिका के कपड़े उतार दिए उसके कपड़े उतारकर जब मैंने उसके बदन को चूसना शुरू किया तो वह इतनी ज्यादा गर्म होने लगी उसने मेरे लंड को अपने मुंह मे ले लिया और वह बड़े अच्छे से सकिंग कर रही थी। मैंने उसकी चूत पर जब अपनी उंगली को लगाया तो वह गर्म होने लगी और उसकी चूत के अंदर मैंने अपनी उंगली को डाल दिया।
मेरी उंगली उसकी चूत के अंदर जा चुकी थी अब मैं उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाना चाहता था। मैंने अपने लंड को गीतिका की चूत पर लगा दिया और उसकी चूत के अंदर मेरा लंड चला गया। उसकी चूत के अंदर लंड जाते ही वह जोर से चिल्लाई उसकी चूत काफी टाइट थी उसकी सिसकियां बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही थी। उसकी सिसकियां इस कदर बढ़ चुकी थी कि वह मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करने में बहुत अच्छा लग रहा है। मैं उसके साथ बड़े ही अच्छे से सेक्स का मजा ले रहा था काफी देर तक मैंने उसकी चूत मारी। मैंने अपने वीर्य को उसकी चूत के अंदर ही गिरा दिया। उस दिन मैंने उसके साथ तीन बार सेक्स के मजे लिए और मुझे बहुत ही अच्छा लगा। जिस प्रकार से मैंने गीतिका के साथ सेक्स किया उसके बाद भी हम लोगों के बीच मे सेक्स संबंध कई बार बनते रहे। हम दोनो आज भी एक दूसरे के साथ है और हमे बहुत ही अच्छा लगता है। गीतिका मेरी इच्छा को बड़े ही अच्छे से पूरा कर दिया करती मै उसके साथ सेक्स कर के बहुत खुश रहता हूं।