Antarvasna, hindi sex story: अपने ऑफिस से रिजाइन देने के बाद मैंने भैया के साथ काम करने का फैसला किया और मैं भैया के साथ ही गारमेंट शॉप में काम करने लगा। मैंने अपने ऑफिस से रिजाइन देने के बाद मैं भैया के साथ अच्छे से काम कर रहा था और थोड़े ही समय बाद भैया ने मुझे एक गारमेंट शॉप खोलने के लिए कहा। उन्होंने मेरी पैसों से भी मदद की और थोड़े बहुत पैसे मेरे पास भी जमा थे जो मैंने अपनी नौकरी के वक्त सेविंग किए थे। अब मैं अपनी शॉप चला रहा था और मैं काफी खुश हूं कि मैं अपने काम को अच्छे से देख पा रहा हूं और मेरा काम अच्छे से चल रहा था। यह सब भैया की वजह से ही हो पाया था अगर भैया मुझे सपोर्ट नहीं करते तो शायद मैं कभी भी अपना काम शुरू नहीं कर पाता लेकिन अब मैं अपना काम शुरू कर चुका था। बहुत दिन हो गए थे मैं ललिता से मिला भी नहीं था ललिता को मिले हुए मुझे काफी समय हो चुका था। उस दिन मैंने ललिता को फोन किया और ललिता से कहा कि तुम मुझसे मिलने के लिए दुकान में ही आ जाओ तो वह मुझसे मिलने के लिए शॉप पर हीं आ गई।
जब ललिता मुझे मिली तो मुझे काफी अच्छा लगा ललिता और मैं एक दूसरे को पिछले एक वर्ष से डेट कर रहे हैं। मैं जिस ऑफिस में जॉब किया करता था उसी ऑफिस में ललिता भी जॉब किया करती थी लेकिन अब ललिता ने भी जॉब छोड़ दी थी। हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं ललिता तो अपने परिवार वालो को मेरे बारे में बता चुकी है। मैं कई बार ललिता के घर पर भी गया हूं। उस दिन हम दोनों एक दूसरे के साथ बैठे हुए बातें कर रहे थे तो ललिता ने मुझसे कहा कि मैं चाहती हूं कि तुम पापा और मम्मी को मिलने के लिए घर पर आओ। मैंने ललिता से कहा कि ठीक है आज मैं पापा मम्मी को मिलने के लिए घर पर आता हूं। मैं उस दिन शाम के वक्त उन्हें मिलने के लिए चला गया। जब मैं ललिता के घर पर गया तो उसके पिताजी ने मुझसे कहा कि बेटा हम लोगो को तुम्हारे बारे में मालूम है और ललिता हमारी इकलौती लड़की है तो हम लोग चाहते हैं कि तुम दोनों शादी कर लो।
उस दिन ललिता के पापा ने मुझसे इस बारे में बात की तो मैंने भी उन्हें कहा कि मुझे इस बारे में घर पर बात करनी होगी। मैंने सबसे पहले इस बारे में भैया से बात की तो भैया ने मुझे कहा कि अगर तुम ललिता से प्यार करते हो तो तुम उससे शादी कर लो हमें इससे कोई एतराज नहीं है। भैया ने हीं घर पर पापा से बात की क्योंकि पापा भैया की बात बहुत ही अच्छे से मानते हैं और फिर वह ललिता से मिलना चाहते थे। जब पापा मम्मी ललिता से पहली बार मिले तो उन्हें ललिता काफी अच्छी लगी। ललिता के पिताजी से जब पापा पहली बार मिले तो उन लोगों ने हमारी शादी तय कर दी थी। हम दोनों की शादी बड़े ही धूमधाम से हुई और जिस तरीके से हम दोनों की शादी हुई उससे मैं और ललिता बहुत ज्यादा खुश थे। ललिता अब मेरी पत्नी बन चुकी है और वह मेरे साथ बहुत खुश हैं। एक दिन मैं ललिता के साथ बैठा हुआ था उस दिन अनीता और मैं बातें कर रहे थे।
हम दोनों ने उस दिन सोचा हम दोनों मूवी देखने के लिए चलते हैं काफी समय हो गया था हम लोग मूवी देखने के लिए भी नहीं गए थे इसलिए हम दोनों मूवी देखने के लिए चले गए। जब मैं और ललिता उस दिन मूवी देखने के लिए गए तो हम दोनों को काफी अच्छा लगा और हम दोनों ने साथ में अच्छा समय बिताया। मैं ललिता के साथ बहुत खुश हूं और जिस तरीके से उसके साथ मैं समय बिताता हूं उस से मुझे बहुत अच्छा लगता है। हम दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से समझते हैं हम दोनों का शादीशुदा जीवन अच्छे से चल रहा है। उस दिन हम लोगों ने शॉपिंग की और उसके बाद हम लोग घर लौट आए। जब हम लोग घर लौटे तो काफी देर हो चुकी थी और हम लोगों ने डिनर किया। उसके बाद हम दोनों सो गए। अगले दिन जब मैं ललिता को उसके घर पर छोड़ने के लिए गया तो उसने मुझसे कहा मैं कुछ दिन पापा मम्मी के साथ ही रहूंगी। ललिता ने मुझसे कहा वह कुछ दिन तक अपने पापा मम्मी के पास रहना चाहती है।
वह कुछ दिनों के लिए अपने मायके मे चली गई थी। मैं वापस लौट चुका था जब मैं वापस उस दिन घर लौटा तो पापा ने मुझसे कहा क्या आज तुम शॉप में नहीं जा रहे हो? मैंने पापा से कहा नहीं पापा बस थोड़ी देर बाद जा रहा हूं और थोड़ी देर के बाद मैं अपनी शॉप में चला गया। जब मैं अपनी शॉप में गया तो उस दिन मुझे बहुत ज्यादा काम था और मैं अब देर रात को घर लौटा। जब उस दिन मैं घर लौटा तो मेरी बात ललिता से फोन पर हुई। ललिता कुछ दिनों के लिए अपने घर पर ही गई और उसके बाद वह वापस लौट आई थी। जब ललिता वापस लौटी तो मैं काफी खुश था और ललिता ने मुझसे कहा क्यों ना हम पूरी फैमिली के साथ घूमने का प्लान बनाए। मैंने ललिता से कहा मैं इस बारे में भैया से बात करता हूं। उसने मैंने भैया से जब इस बारे में बात की तो मुझे भैया ने भी कहा हां मैं भी सोच रहा था कुछ दिनों के लिए हम लोग कहीं घूमने चले जाएं। हम लोगो ने घूमने का प्लान बनाया कुछ दिनों के लिए हम लोग घूमने के लिए जाना चाहते थे।
हम लोग जब घूमने के लिए गए तो हमें बहुत ही अच्छा लगा हम लोग घूमने के लिए शिमला गए। शिमला में हमारे पूरे परिवार के साथ समय बिताना बहुत ही अच्छा था और शिमला की काफी यादें जो आज भी मुझे याद है। अब हम लोग वहां से वापस लौट आए थे हम लोग वहां से वापस लौट आए थे। जब हम लोग वापस लौटे तो मैं अब अपनी शॉप अच्छे से चला रहा हूं। मैं बहुत ही खुश हूं कि ललिता के साथ मेरी जिंदगी अच्छे से चल रही है। ललिता और मैं एक दूसरे को अच्छे से समझते हैं। मैं और ललिता एक शाम साथ में बैठे हुए थे उस दिन जब हम दोनों बेडरूम में थे तो मैं ललीता से बातें कर रहा था। ललिता की आंखों में मेरे लिए प्यार कुछ ज्यादा ही उमड रहा था। मैंने ललिता के होठों पर अपनी उंगली का स्पर्श किया। जब मैंने ऐसा किया तो वह मचलने लगी और वह मेरी बाहों में आ गई।
मैंने उसे अपनी गोद में बैठा लिया उसकी बड़ी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी जिससे मुझे मजा आ रहा था। मेरा मोटा लंड बहुत ज्यादा कड़क हो चुका था और मैं बहुत ज्यादा खुश था। मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो उसने उसे अपने मुंह में लेकर अच्छे से सकिंग करना शुरू कर दिया। वह जिस तरीके से मेरे लंड को चूस रही थी वह मेरे लिए बहुत ही अच्छा था और मैं बहुत ज्यादा खुश था। वह जिस तरीके से मेरी गर्मी को बढ़ा रही थी अब मेरी गर्मी बढ़ रही थी और ललिता भी पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी। हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म हो चुके थे मैंने जैसे ही ललिता की चूत पर अपने लंड को लगाकर अंदर की तरफ घुसाना शुरू किया तो वह खुश हो चुकी थी। मेरा मोटा लंड उसकी चूत के अंदर तक जा चुका था। जब मेरा लंड उसकी चूत के अंदर गया तो वह जोर से चिल्लाने लगी। अब ललिता की सिसकारियां बढ रही थी और मेरे धक्के तेज होते जा रहे थे। मैंने उसे तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए थे। जिस तरीके से मैं उसे धक्के दे रहा था उससे वह बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी।
मैंने ललिता को कहा मैं बहुत ज्यादा खुश हूं वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी और मेरी गर्मी बढ रही थी। मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो चुका था। मैंने अब ललिता से कहा मेरा माल गिरने वाला है। जैसे ही मेरा माल बाहर की तरफ गिरा तो मैं खुश हो गया और वह भी बहुत ज्यादा खुश थी। जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को शांत किया था। अब ललिता ने दोबारा से मेरे लंड को चूस कर मेरी गर्मी को बढ़ा दिया था। मैंने अपने लंड को उसकी चूत मे घुसा दिया था। मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुस चुका था और मैं उसे तेजी से धक्के दिए जा रहा था। मैं बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से मैं उसकी चूत के मजे ले रहा था और उसकी गर्मी को बढ़ा रहा था। वह मेरी गर्मी को बढाई जाती और मेरी गर्मी तब शांत हुई जब उसकी चूत मे मेरा वीर्य गिर गया।