Antarvasna, sex stories in hindi: बचपन से ही मुझे अकेले रहने की आदत है मेरे मम्मी पापा दोनों ही नौकरी पेशा है। मुझे हमारे घर में काम करने वाली संगीता मौसी ने हीं बचपन से पाला है मैं उन्हीं की बात ज्यादा मानता हूं लेकिन अब वह बूढ़ी हो चुकी है इसलिए वह हमारे घर काम करने के लिए नहीं आती परंतु मैं उनसे मिलने के लिए चला जाया करता हूँ। घर में किसी भी चीज की कमी नहीं थी कमी थी तो सिर्फ पापा और मम्मी के प्यार की जो कि मुझे आज तक कभी मिला ही नहीं था। मैं अपने दोस्तों के साथ रहता हूं और अपने दोस्तों के साथ रहने के दौरान ही मुझे नशे की भी लत लग गई जिससे कि मैं बाहर निकलना चाहता था। मेरे पापा मम्मी मुझे दिन रात इसी बात के लिए कहते रहते थे और कहते कि बेटा हम लोगों ने तुम्हारी परवरिश में कभी कोई कमी नहीं रखी।
एक दिन मैंने पापा और मम्मी से कहा कि मैं तो सिर्फ आप लोगों का साथ चाहता था लेकिन आपने तो कभी मुझे अपना साथ दिया ही नहीं आप लोग हमेशा अपनी नौकरी में ही बिजी रहे। पापा और मम्मी के पास भी इस बात का कोई जवाब नहीं था क्योंकि उन्हें भी अब यह पता था कि यह सब उनकी गलतियों की वजह से ही हुआ है। मेरी जिंदगी में कोई ऐसा नहीं था जो कि मुझे समझ पाता इसलिए मैं अपने दोस्तों के साथ ही ज्यादातर रहता था। एक दिन मैं अपने दोस्तों के साथ बैठा हुआ था उस दिन मैंने कुछ ज्यादा ही शराब पी ली थी इसीलिए मैं बिल्कुल भी होश में नहीं था मेरे दोस्त ने हीं उस दिन मुझे घर तक छोड़ा। जब उसने मुझे घर छोड़ा तो मुझे भी अब एहसास होने लगा था कि शायद मैं गलत कर रहा हूं इसलिए मैंने उस दिन के बाद अपने दोस्तों से मिलना कम कर दिया और फिर मैं जॉब की तलाश में करने लगा। मैं अब नौकरी करना चाहता था मैंने कई इंटरव्यू दिए लेकिन कहीं पर भी मेरा सलेक्शन हो नहीं पाया था थक हार कर मैं कुछ दिनों तक घर पर ही था।
एक दिन मैंने सुबह अखबार जॉब का देखा और मैं वहां इंटरव्यू देने के लिए चला गया मैं जब इंटरव्यू देने के लिए गया तो वहां पर मेरा सिलेक्शन हो गया और मैं इस बात से बड़ा खुश था। मेरी जॉब लग चुकी थी पैसे की तो मुझे कभी भी कोई कमी नहीं रही लेकिन मैं चाहता था कि मैं जॉब करूँ और अब मैं जॉब करने करने लगा हूं। अगले दिन से मैं अपने ऑफिस जाने लगा मेरा पहला दिन था और ऑफिस में कुछ दिनों की ट्रेनिंग भी थी। जॉब करने के दौरान जब मेरी मुलाकात सुनैना से हुई तो मुझे सुनैना का साथ पाकर बहुत ही अच्छा लगा। सुनैना कि जिंदगी में भी काफी कुछ गलत हुआ था उसके पापा के बिजनेस में नुकसान हो जाने के बाद उसकी सगाई टूट गई, वह अपनी इस परेशानी से निकली ही थी कि उसके पापा की तबीयत खराब रहने लगी। सुनैना को भी मैंने अपने बारे में सब कुछ बता दिया था और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे सुनैना ही मेरी जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा है और अब उसके बिना मेरी जिंदगी अधूरी है। मैं सुनैना के बिना कुछ भी तो नहीं था क्योंकि सुनैना को ही मैं अपना सब कुछ मान बैठा था और सुनैना के साथ मैं ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करने लगा। हम दोनों की जिंदगी बड़े ही अच्छे से चलने लगी थी क्योंकि अब सुनैना को मैंने अपने दिल की बात जो कह दी थी। सुनैना भी मुझे अच्छे से समझती और वह मुझसे प्यार करने लगी थी मैं बहुत ज्यादा खुश था कि सुनैना मेरी जिंदगी में आ चुकी है और मेरी जिंदगी में अब सब कुछ ठीक हो चुका है। कहीं ना कहीं सुनैना और मैं एक दूसरे से इतना प्यार करने लगे थे कि हम दोनों एक दूसरे के साथ रहना चाहते थे। मैंने सुनैना को कहा कि मैं तुम्हारे साथ शादी करना चाहता हूं तो सुनैना मुझे कहने लगी कि मैं भी तो तुम्हारे साथ शादी करना चाहती हूं। हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया था और हम दोनों एक दूसरे के साथ रहना चाहते थे। मेरे पापा मम्मी को मैंने इस बारे में बताया तो उन्हें मेरी बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई उन्होंने मुझे कहा कि सुनैना कि पहले ही सगाई टूट चुकी है और तुम उससे शादी करोगे लेकिन मैंने अपने पापा और मम्मी से कहा कि मैं सुनैना से प्यार करता हूं और उसी से मैं शादी करना चाहता हूं।
मैंने अपना पूरा मन बना लिया था कि मैं सुनैना से शादी करूंगा और जल्द ही मैं सुनैना से शादी करने वाला था। हम दोनों ने कोर्ट मैरिज की और कोर्ट मैरिज हो जाने के बाद हम दोनों पति-पत्नी बन चुके थे मेरे सामने अब यह समस्या थी कि मैं सुनैना को लेकर कहां जाऊंगा क्योंकि मेरे पास खुद का तो कहीं घर था नहीं इसलिए मैंने किराए पर ही घर लेना ठीक समझा और मैंने किराए पर एक घर ले लिया। मेरे पापा और मम्मी मेरी इस बात से बिल्कुल भी खुश नहीं थे उन्होंने कहा कि बेटा तुम घर वापस लौट आओ लेकिन मैं चाहता था कि मैं सुनैना के साथ रहूँ और मैं सुनैना के साथ ही रहने लगा था। हम दोनों ही जॉब करते थे जॉब कर के हम दोनों अपनी जिंदगी में काफी खुश थे हम दोनों की जिंदगी में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं थी सब कुछ बड़े ही अच्छे से चल रहा था। मैं इस बात से भी खुश था कि कम से कम सुनैना आप मेरे साथ है और मुझे अब किसी भी बात की कोई परेशानी नहीं थी। सुनैना और मैं जानते थे कि शादी के बाद हम दोनों कहीं साथ में घूमने के लिए जाएं क्योंकि हम दोनों ने शादी तो कर ली थी लेकिन हम दोनों कहीं गए नहीं थे तो मैंने और सुनैना ने मनाली जाने का मन बनाया और हम दोनों मनाली चले गए।
मनाली में हम लोग जिस होटल में रुके हुए थे उस होटल के मैनेजर बड़े ही कॉपरेटिव थे और उन्होंने हमारी बहुत ही मदद की मैं और सुनैना एक दूसरे के साथ बहुत ही खुश थे। हम दोनों ने मनाली में करीब 3 दिन गुजारे 3 दिन बाद हम लोग वापस लौट आये थे और हमारी जिंदगी बड़े ही अच्छे से चल रही थी। मेरे और सुनैना के जीवन मे सब कुछ अच्छे से चल रहा था। हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छे से समय बिता रहे थे। अब मेरे परिवार ने मुझे और सुनैना को स्वीकार कर लिया था इसलिए हम दोनों हमारे घर चले गए सुनैना भी काफी खुश थी। मेरे पापा मम्मी सुनैना का काफी ध्यान रखते और मैं इस बात से बड़ी खुश था एक दिन मैंने सुनैना से कहा मैं तुम्हारी चूत मारना चाहता हूं? सुनैना मुझे कहने लगी मैंने कौन सा तुम्हें रोका है तुम्हें जो करना है तुम कर लो और यह कहते ही मैने सुनैना को अपनी बाहों में ले लिया। मै जब सुनैना के होठों को चूमने लगा तो सुनैना अब तड़पने लगी वह सेक्स करने के लिए छटपटाने लगी। मैंने उसे कहा मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा है अब सुनैना की तड़प को मैं समझ चुका था। जब मैं उसके स्तनों को दबाने लगा तो वह भी मेरे सामने अपने पैरों को चौड़ा करने लगी। मैंने सुनैना की सलवार के नाडे को खोलते हुए उसकी सलवार को नीचे किया और सुनैना की पैंटी को उतार कर अपनी जीभ को लगा दिया। मै सुनैना की चूत को अच्छे से चाटने लगा था तो मुझे बहुत ही मजा आने लगा सुनैना को भी मज़ा आने लगा था। सुनैना के अंदर की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी और मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी सुनैना मुझे कहने लगी कि मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है तुम ऐसे ही मेरी चूत को चाटते रहो। मैंने सुनैना की योनि को बहुत देर तक चाटा फिर जब सुनैना पूरी तरीके से तड़पने लगी और वह मेरे बालों को अपने हाथों से खिचने की कोशिश करने लगी तो मैं समझ चुका था कि वह बिल्कुल भी रह नहीं पाएगी।
मैंने सुनैना से कहा मैं अब तुम्हारी योनि मे अपने लंड को डालना चाहता हूं सुनैना ने अपने पैरों को चौड़ा कर लिया। मैंने जैसे ही सुनैना की चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो वह बहुत जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी तुमने तो मेरी चूत फाड़ दी। मैंने सुनैना को कहा इससे पहले भी मैंने तुम्हारी चूत ना जाने कितनी ही बार मारी है लेकिन आज मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। सुनैना मेरे लिए बहुत ज्यादा तडपने लगी थी उसकी तडप इतनी ज्यादा हो गई कि वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैं सुनैना को ऐसे ही तेज गति से धक्के मार रहा था सुनैना को बड़ा ही आनंद आ रहा था जब मैं सुनैना को झटके मारता तो मेरे अंदर की आग बढ़ती ही जा रही थी। सुनैना बहुत ज्यादा खुश हो गई थी वह मुझे कहने लगी मेरे अंदर की आग बढ़ चुकी है मैंने उसे कहा मुझे तुम्हें चोदना में बड़ा मजा आ रहा है। मैंने सुनैना को जिस प्रकार से चोदा उस से सुनैना तडपने लगी और उसके स्तन हिलने लगे।
मैंने उसमें स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो सुनैना की गर्मी और भी बढ़ने लगी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तुम मुझे ऐसे ही बस चोदते चले जाओ। मैं सुनैना को बड़ी तेज गति से धक्के मार रहा था उसे मैंने तब तक चोदा जब तक सुनैना की योनि के अंदर मेरा माल नहीं गिर गया। जब उसकी योनि में मेरा माल गिरा तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आया। मेरे अंदर की गर्मी अब इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी कि मैंने सुनैना को कहा मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा है सुनैना ने अब मेरे लंड को चूस लिया। जब सुनैना ने मेरे लंड को चूसा तो मुझे इतना ज्यादा मजा आने लगा था कि मेरे अंदर की आग बढ़ने लगी। मैंने सुनैना के अंदर की आग को पूरी तरीके से बढ़ाकर रख दिया था मैंने सुनैना से कहा सुनैना मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने सुनैना कि चूत दोबारा से मारी उसकी चूत मारकर मुझे बडा ही मजा आया। वह बहुत ही ज्यादा खुश थी और हम दोनों ने एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा लिया।